फैक्ट चेक क्या है । What is fact check?

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फैक्ट चेक क्या है । What is fact check?

वर्तमान समय में सूचना और समाचार एकदम आग की तरह फैलती है । देश के किसी कोने की खबर तुरंत ही देश और विदेशों में फैल जाती है । भारत में खास कर जिओ के आने के बाद एक नई तरह की क्रांति आ गई है । इस नई क्रांति की दूसरी अन्य वस्तुओं की तरह सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष भी हैं । एकबात तो एकदम स्पष्ट है की परंपरागत मीडिया की व्यवस्था काफी जटिल है जहां कई चरण होतें हैं किसी सूचना को पाठक तक पहुंचाने की । इस चरण में बहुत समय लगतें हैं । सोशल मीडिया की वजह से लोगों के पास अब ऑप्शन हैं की वो अपने आसपास होने और घटने वाली घटनाओं को तुरंत साझा कर सकें । इसी दौरान यह भी देखने को मिलता है की कुछ लोग मनगढ़ंत या बनावटी घटनाओं को भी साझा अपने राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए करतें हैं । दूसरे लोग भी बिना सत्यता की जांच किए साझा करते जाते हैं और अंततः यह मनगढ़ंत कहानी कथित सत्य का रूप धारण कर लेती हैं । समाज के कुछ लोग इस कथित सत्य पर अपने विचार प्रस्तुत करने लगते हैं और यह फिर उनके ideology में सम्मिलित हो जाता है । गलत सूचनाओं के आधार पर विचार सही नहीं हो सकते हैं ।

फैक्ट चेक का उदेश्य गलत सूचनाओं को प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज करना है। इससे आम लोगों को किसी विषय के बारे में सच जानने को मिलता हैं और वे अपने विवेक का प्रयोग कर उसके बारे में अपने स्तर से सोच समझ सकतें हैं । चूंकि सामान्य लोगों के पास इतने समय नहीं होतें है की वो प्रत्येक सूचना और खबर को एक एक कर अच्छे से चेक करें । फैक्ट चेक एक अलग तरह का विषय है जिसमे व्यक्ति का पूर्ण फोकस इन्हीं चीजों पर होता है ।

फैक्ट चेकिंग के फायदे । Advantages of Fact Checking

अविश्वास

लोगों को अपने समक्ष आने वाली सूचनाओं पर विश्वास नहीं होता है । उन्हें लगता है की यह गलत भी हो सकता है या फिर सही भी । फैक्ट चेकिंग इन अविश्वास को दूर कर सकता है ।

तथ्यतामक

लोगों को तथ्य जानने को मिलता है । तथ्य के आधार पर बनाए गए राय अच्छे होतें हैं ।

सूचनाओं के श्रोत की जानकारी

कभी कभी कुछ घटनाएं जो देश के बाहर की होती है उसको किसी खास एरिया का बताकर व्यक्ति अपनी निजी स्वार्थ और लाभ प्राप्त करने की कोशिश करता है । जिसके फलस्वरूप समाज के किसी दो वर्गों में हिंसा जन्म लेती है । कोविड और CAA के समय कई झूठी खबरें अपनी उल्लू सीधा करने में कई लोग चला रहें थे जिससे समाज को बहुत नुकसान उठाना परा ।

फैक्ट चेकिंग में पक्षपात । Biasness in Fact Checking

फैक्ट चेकिंग एक नेक कार्य है जिसका उदेश्य समाज के लोगों तक वास्तविक न्यूज और तथ्यतामक जानकारियाँ प्रस्तुत करना है । इस कार्य के लिए व्यक्ति को अपने विचार और अपनी छोटी छोटी हितों से ऊपर उठकर बिना किसी पक्षपात के कार्य करना होता है । वर्तमान में ऐसा कम ही दिखता है की कोई एकदम बिना पक्षपात के फैक्ट चेकिंग कर रहा हो वो भी खास कर भारत में । भारत में जितने भी कथित फैक्ट चेकर है वो पक्षपात करतें हैं खासकर अपनी खबरों के चयन में जिसे वो फैक्ट चेक कर रहे होतें हैं । वो वैसी इनफार्मेशन मटीरीअल को नहीं लेते जिसमें उसका अपना उल्लू सीधा होता नहीं दिखता है ।

भारत के ज्यादातर फैक्ट चेकर इस्लामिक और कम्युनिस्ट विचारधारा से संबंधित है और यह उनकें कार्यों में स्पष्ट रूप से दिख जाता है।

पक्षपाती फैक्ट चेकिंग के नुकसान । Disadvantages of Biasness in Fact Checking

समाज के बीच द्वेष पैदा होना

सेलेक्टिव आइटम फैक्ट चेकिंग से समाज के विभिन्न वर्गों के बीच द्वेष पैदा होता है ।

देश और विदेश में किसी की गलत छवि बनाना

किसी विशेष व्यक्ति और वर्ग की अगर नकारात्मक छवि बनानी हो तो सेलेक्टिव फैक्ट चेकिंग उसमें मददगार है ।

लोगों के बीच भ्रम पैदा करना

पक्षपाती फैक्ट चेकिंग लोगों के बीच भ्रम पैदा करता है ।

अगर आपके पास भी कुछ पॉइंट्स हैं तो कमेन्ट में जरूर लिखें ।

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Dileep

मेरा नाम दिलीप भारद्वाज है । मेरी रुचि शिक्षा, साहित्य, धर्म, पुस्तकालय विज्ञान, भाषा , करेंट अफेयर्स आदि विषयों में है ।

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